कभी बातों में अगर मगर जिंदगी, कभी अमृत कभी ज़हर जिंदगी। कभी बातों में अगर मगर जिंदगी, कभी अमृत कभी ज़हर जिंदगी।
कि चले जाओ वही जहाँ ये रूह-ए-एहसास, अब रहती नहीं। कि चले जाओ वही जहाँ ये रूह-ए-एहसास, अब रहती नहीं।
हमसे आकर पूछो सफर ये अपने ही घर लौटने का। हमसे आकर पूछो सफर ये अपने ही घर लौटने का।
क्या जरूरत है एक ही दिल में हजारों को रखने की क्या जरूरत है एक ही दिल में हजारों को रखने की
दर्द ए जख्म पर मरहम हम लगाते गए। दर्द ए जख्म पर मरहम हम लगाते गए।
उनका ये बचपना देख हम बड़े भी कभी तो खुश हो जाते। उनका ये बचपना देख हम बड़े भी कभी तो खुश हो जाते।